महाराष्ट्र के बाहर मराठी संस्कृति को संरक्षित करने पिपलानी में बनाया था मंदिर
Devotees install clay idol in the temple, booking full till 27th: भोपाल. महाराष्ट्र के बाहर मराठी संस्कृति को संरक्षित करने मराठी सांस्कृतिक मंडल बीएचईएल द्वारा 1975 में पिपलानी में गणेश मंदिर की स्थापना की गई। यहां जयपुर के कारीगारों द्वारा बनाई गई ‘श्री’ की 2.5 फीट ऊंची सफेद संगमरमर की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के हाल में 300 से 400 श्रद्धालुओं के बैठने की क्षमता है।

Devotees install clay idol in the temple, booking full till 27th
हर साल स्थायी तौर पर विराजते हैं प्रतिमा
मराठी संस्कृतिक मंडल की ओर से बीते 65 सालों से गणेशोत्सव का आयोजन हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है। मंडल के अध्यक्ष महेश ठकार साहब हैं। पुजारी मंगेश माणके हैं। महासचिव विनोद विसे ने बताया कि मंदिर परिसर में हर साल गणेशोत्सव के दौरान मिट्टी की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस मौके पर 10 दिवसीय महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
मंदिर में गणपति की अस्थायी प्रतिमा स्थापित करने और 10 दिन के उत्सव का आर्थिक बोझ एक व्यक्ति पर न पड़े इससे बचने के लिए समिति द्वारा लाटरी के माध्यम से वर्ष 1989 से हर साल के लिए प्रतिमा देने वाले दानदाताओं की बुकिंग की जा रही है। अभी वर्ष 2027 तक के लिए प्रतिमा स्थापना की बुकिंग हो चुकी है। मराठी सांस्कृतिक मंडल द्वारा इस वर्ष के गणेशोत्सव में गणेश जी की प्रतिमा सतीश ठाकरे द्वारा दी गई है।